System हमसे क्यों डरता है?

 

System हमसे क्यों डरता है?



जब भी हम "सिस्टम" शब्द सुनते हैं, हमारे दिमाग में सरकार, पुलिस, स्कूल, ऑफिस या कोई बड़ा तंत्र आ जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये सिस्टम, जो दिखता तो बहुत मजबूत है, असल में हमसे डरता क्यों है? क्या कारण है कि जब कोई आम इंसान सवाल उठाता है, तो सिस्टम असहज हो जाता है? चलिए इस दिलचस्प विषय को आसान शब्दों में समझते हैं।


1. क्योंकि सिस्टम तब हिलता है जब लोग जागते हैं

सिस्टम को चलाने वाले लोग अक्सर चाहते हैं कि जनता सोती रहे — मतलब, सवाल ना पूछे, चुपचाप नियम मानती रहे। लेकिन जैसे ही लोग जागना शुरू करते हैं और बोलना शुरू करते हैं, सिस्टम डरने लगता है।

👉 एक जागरूक इंसान सिस्टम के लिए सबसे बड़ा खतरा होता है।


2. क्योंकि सिस्टम डरता है बदलाव से

हर सिस्टम को एक जैसा चलने की आदत होती है। वही पुराने नियम, वही पुराना ढर्रा। जब कोई इंसान कुछ नया सोचता है, बदलाव की बात करता है, तो सिस्टम को डर लगता है कि उसकी पकड़ ढीली ना पड़ जाए।

👉 सिस्टम को डर है कि अगर बहुत से लोग बदलाव चाहने लगे, तो उसकी सत्ता खतरे में आ सकती है।


3. क्योंकि सिस्टम चाहता है कि लोग डरते रहें

डर, नियंत्रण का सबसे बड़ा हथियार है। सिस्टम अक्सर ऐसे नियम बनाता है जिससे आम इंसान डरा रहे — जैसे लंबी कानूनी प्रक्रिया, जटिल नियम, या सरकारी अफसरों का रुखा व्यवहार। लेकिन जब इंसान डरना छोड़ देता है, तभी वो सच का सामना करता है।

👉 जो इंसान डरता नहीं, वो सिस्टम के लिए सबसे खतरनाक होता है।


4. क्योंकि सवाल पूछने वाले लोग सिस्टम की नींव हिला सकते हैं

जब कोई व्यक्ति “क्यों?”, “कब?”, “कैसे?” जैसे सवाल पूछता है, तो सिस्टम जवाब देने में हिचकिचाता है। क्योंकि कई बार उसके पास जवाब ही नहीं होते, या फिर जवाब देने से उसकी सच्चाई उजागर हो जाती है।

👉 सवाल पूछना एक क्रांति की शुरुआत है — और क्रांति से सिस्टम डरता है।


5. क्योंकि सिस्टम जानता है कि असली ताकत जनता के पास है

सिस्टम चाहे जितना भी बड़ा और शक्तिशाली लगे, उसका अस्तित्व जनता पर ही टिका होता है। अगर लोग एकजुट हो जाएं, तो वे किसी भी सिस्टम को बदल सकते हैं। यही सोच सिस्टम को सबसे ज़्यादा डराती है।

👉 जनता की एकता सिस्टम की सबसे बड़ी कमजोरी होती है।


6. क्योंकि आज का युवा डरता नहीं

आज की पीढ़ी खुलकर बोलती है — सोशल मीडिया पर, सड़कों पर, और अपने काम में। ये पीढ़ी ना सिर्फ सवाल करती है, बल्कि जवाब भी मांगती है। वो चुपचाप सहन करने वालों में से नहीं है।

👉 नई सोच और तेज़ आवाज़, सिस्टम की पुरानी दीवारों में दरार डाल सकती है।


7. क्योंकि सिस्टम खुद पर भरोसा नहीं करता

शायद ये बात थोड़ी अजीब लगे, लेकिन सच्चाई है — सिस्टम जानता है कि उसमें कमियां हैं, गड़बड़ियाँ हैं। वह जानता है कि अगर लोग उसकी जांच शुरू कर दें, तो बहुत कुछ खुल जाएगा। इसलिए वह चाहता है कि कोई ज्यादा गहराई में ना जाए।

👉 खुद पर भरोसा न होना, सिस्टम का सबसे बड़ा डर है।


निष्कर्ष (Conclusion)

सिस्टम कोई आसमानी ताकत नहीं है। वो इंसानों से ही बना है और इंसानों से ही चलता है। अगर इंसान सोते रहेंगे, तो सिस्टम अपने मन से चलेगा। लेकिन अगर इंसान जाग गए, समझदार बन गए, और एकजुट हो गए, तो सिस्टम को अपने आप बदलना पड़ेगा।

सिस्टम हमसे इसलिए डरता है क्योंकि हम ही उसकी ताकत हैं। और जब ताकत सवाल पूछने लगे, तो हर सिस्टम डरता है।


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